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भोले

समय करे जो यहा वो बोले.. गले मे उनके शेष जो डोले.. आंखो मे भर के मौत के शोले.. एक हुंकार जो भम भम् भोले.. तुम्ही हो कारण, तुम्ही हो हारण.. जीवन दुःख मे तुम्ही हो पारण.. विष का प्याला पिये अमर वो.. नेत्र तिसरा खुले कहर हो... जटा हार मे गंगा विराजे... नील कंठ पे भस्म ही साजे... रौद्रावतार का सूक्ष्म रूप है... तीनो लोक का एक भूप है... धरती के कंकर मे समा है... तेरी सांस से अंबर की हवा है... अर्धनारी होकर भी नर है... शक्तीधारी तूही शंकर है.. सभी लोक के द्वार तू खोले... एक हुंकार जो भम भम् भोले... महादेव हर हर भ म् भोले... महादेव हर हर भ म् भोले... महादेव हर हर भ म् भोले... -  विक्रम वाडकर  2019/03/04 11:54