तेरी याद

सोच की गहराई मे तन्हाई सी छा गई..
खुश हो रहा था मै.. और याद तेरी आ गई..

लम्हो की बंदिशो मे जिक्र तेरा ही हो रहा..
बिछडने की गुजारीश कि.. और याद तेरी आ गई..

ख्वाबो की अंजुमन मे, तुझे ही पाया मैने..
छलकी पायल किसी और की.. और याद तेरी आ गई..

निंदो मे भी अक्स तेरा, मुँदी हुई नैनो मे..
बदल के करवट देखा.. और याद तेरी आ गई..

तुझे भुलाने के लिए, शराब को अपनाया मैने..
नशा उतर ही रहा था.. और याद तेरी आ गई..

-विक्रम वाडकर

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