तेरे सिवा..

कुछ दर्द मिले है हिस्सो मे...
कोई पुछे तो बयान करू...
कई आँसू छुपे है किस्सो मे...
जो जताऊ, महफिले रूसवा करू...
तुझको भुलाना चाहू..
याँदो से मिटाना चाहू..
तू ही बता मै कहाँ जाऊ.. तेरे सिवा..
कोई सिखा दे जिना.. तेरे सिवा..

तन्हा रहा था कभी..
जब तक थी तेरी कमी..
तेरा इशारा मिला..
दिल को सहारा मिला..
फिर कीस वजह से हुई बेवफा..
कैसे हू जिया... तेरे सिवा..
कोई सिखा दे जिना.. तेरे सिवा..

तुझसे जुडा था सुकून..
दिल मे जो तुझको रखूं..
दिल की दुहाई बनी..
गम की सिहाई बनी..
रंगीन जो थी मेरी दूनिया..
बेरंग हूई तेरे सिवा..
कोई सिखा दे जिना.. तेरे सिवा..

-- विक्रम वाडकर २-जून-२०१४

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