मेरी जान...

कातिलाना आँखे तेरी.. 
प्यारी तेरी मुसकान...
क्या हुआ है हाल इस दिल का...
कर ना सकूँ मै बयान..
मेरी जान... तुझसे जुडी है मेरी जान...मेरी जान...

तेरी अदा ने है सितम ढाये, हजारो दिलो पे..
मेरा भी दिल तुझीं को चाहे, शिद्दत तुझीं पे..
जवाब दे दो मेरी कहिं का.. तुझे जो मेरा है कहा...
मेरी जान... तुझसे जुडी है मेरी जान...मेरी जान...

गुजरता सा लम्हा अब तो थमने लगा है...
तेरे खयांलो से नाता कोई बनने लगा है...
तनहा तनहा बहूत जिया, अब मांगू मै तेरा आसमान..
मेरी जान... तुझसे जुडी है मेरी जान...मेरी जान...

तू खुशी का है खज़ाना..तुही खुदा की नेमत है..
ना कर पाऊ इजहार ऐसी, तूही तो चाहत है...
जन्नतो से परे.. हम दोनो का होगा कही जहान..
मेरी जान... तुझसे जुडी है मेरी जान...मेरी जान...

-विक्रम वाडकर (६-५-२०१४)

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