खुदा.. तू ही बता..
तू है हकीकत, या है तू वहम..
छूं के देखू खुदा का रहम..
जला देगी तेरी सांसो की आहटें गरम..
पानी पानी कर देगी इन आँखो की शरम..
तू है भरम, या है करम.. खुदा.. तू ही बता..
तेरी सांसो की उलफतें..
उडाती है मेरी निंदे..
निंदो मे भी ढाने लगी है..
तेरी अदांए लाखो सितम..
तू है भरम, या है करम.. खुदा.. तू ही बता..
खुशबू छां गयी है रुहांनी..
आदते मेरी हो गयी है दीवानी..
सुकून दिल को देने लगे है..
मांगू मै रब से ऐसे जखम..
तू है भरम, या है करम.. खुदा.. तू ही बता..
-विक्रम वाडकर ४-११-२०१४
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