सुनो ना..

सुनो ना.. 
कुछ बैचेनियाँ बढा देता है तेरा आना..
मेरी याँदो मे है तेरा आना जाना..
सुनो ना..दिल की है जो तमन्ना.. सुनो ना..

जज्बातों भरे ये पल..
न जाने क्या होगा कल..
साँसो से होगी गुस्ताखियाँ..
धडकनो का यूं थम जाना...
सुनो ना..दिल की है जो तमन्ना.. सुनो ना..

रात भर बदलता हूँ बस करवटें..
बेकरार कर देती तेरी आँहटे..
निंदोका हुआ है तुझसे रीश्ता गहरा..
निंदो मे यूँ तेरा सपना बन जाना..
सुनो ना..दिल की है जो तमन्ना.. सुनो ना..

तुझे पाने का.. अरमान दिल का..
तु मिले तो मिले रस्ता मंजिल का..
आँखो मे बसी अब तेरी परछाईयाँ..
जब से मिला तेरे प्यार का अफसाना..
सुनो ना..दिल की है जो तमन्ना.. सुनो ना..

-विक्रम वाडकर २६-मे-२०१४

Comments

Popular posts from this blog

सुविचार संग्रह ३

चारोळ्या...

सुविचार संग्रह १