रहज़ा..रहज़ा..

सानू अपना मान ले,
तुही है मेरी जान.. जानले..
सानू अपना मान ले,
तुझी से है कराऱ.. जानले..
त्वाडे नैनो विच़ रहवां, साड्डे दिल दी ए रज़ा..
त्वाडे प्यार विच़ बंधना, हुन पसंद ए सज़ा..
रहज़ा..रहज़ा..रहज़ा..रहज़ा..
मेरे दिल मे आके रहज़ा..
रहज़ा..रहज़ा..रहज़ा..रहज़ा..
मेरे दिल मे आके रहज़ा..

रब की है नेमत के तु मिला..
मुझको सताने लगा, यांदो का सिलसिला..
दिल की आवाज लब्ज़ो मे अपने कह ज़ा..
रहज़ा..रहज़ा..रहज़ा..रहज़ा..
मेरे दिल मे आके रहज़ा..

देदे अपने रुह की मुझे गरमाहट,
"कितना लेगी इंम्तेहा?", पुछ़े मेरी चाहत,
मिल जा मेरी आशिकी मे आके बह ज़ा..
रहज़ा..रहज़ा..रहज़ा..रहज़ा..
मेरे दिल मे आके रहज़ा..

-विक्रम वाडकर(१९-१२-२०१४)

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