है किश्तो मे मिली, ये जिंदगी..
है किश्तो मे मिली, ये जिंदगी..
आँसू है यहाँ.. कुछ हसीं से भरी...
जो जिये.. कबूल किए.. मुश्कील पिए.. जो है मिशरी..
है किश्तो मे मिली, ये जिंदगी..
कुछ है वादे किए.. हमने खुद से...
जिनको पाने के लिए.. बेकरार कब से...
कामयाबी मिले ना मिले...
मिल जाएगी रुह को कुछ खुशी...
है किश्तो मे मिली, ये जिंदगी..
राहो मे चले, तो मिले.. काटे बिखरे वहाँ...
रास्ते बनाते हुए हम चले.. फिर कहाँ...
मंजिले अब नयी ढुंडते..
है हम उम्मिदो से जगीं...
है किश्तो मे मिली, ये जिंदगी..
आँसू है यहाँ.. कुछ हसीं से भरी...
-विक्रम वाडकर ११-जुन-२०१४
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